हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आई जी एम सी शिमला में अब हेपेटाइटिस बी जिसको काला पीलिया भी कहा जाता हैं का इलाज फ्री होगा आईं जी एम सी शिमला के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ जनकराज ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लाहुल स्पिति औऱ किन्नौर में इसके रोगी ज्यादा है और इसका इलाज लम्बा चलता है और उम्र भर इसकी दवा लेनी पड़ती है नेशनल वाइरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के तहत अब आई जी एम सी में इस बीमारी का इलाज मुफ्त होगा
उन्होंने कहा कि इस बीमारी के लक्षण अलग–अलग होते हैं और उनमें आंखें पीली होना, पेट में दर्द होना, और पेशाब का रंग गहरा होना शामिल हैं. कुछ लोग, विशेषकर बच्चों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते. यदि ये बीमारी लंबे समय तक रहे तो लिवर का काम करना बंद कर सकता है, या फिर कैंसर या घाव हो सकते हैं
हेपेटाईटिस बी किसको होने का अधिक ख़तरा है ?
v परिवार या घर में रहने वाले अन्य सदस्य जिसको हेपेटाईटिस बी का संक्रमण है, उसके समीप या संपर्क में रहने से।
v यौन संबंध में सक्रिय वयस्क या तरूण वय के व्यक्ति।
v ऐसे पुरुषों को जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हों।
v संक्रमण वाली माता के जन्मे हुए नवजात शिशु को।
v चिकित्सा के काम में जुटे कार्यकर्ताओं और चिकित्सकों को।
v ताकीद की सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को।
v १९९२ से पहले, blood transfusion (बाहर से ख़ून चढ़ाया हो) या ठीक तरीके से शुद्ध न किया गया हो, ऐसा ख़ून चढ़ाया हो।
v इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वाले, भूतकाल और वर्तमान के लोग
v ऐसे लोग जो टेटू बनवाते हैं या शरीर में छेद लगवाते हैं |
v ऐसे लोग जो सड़क पर काम करने वाले डोक्टर्स, दाँत के चिकित्सक या हजाम से इलाज कराते हों।
