हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने वर्ष 2000 के बाद स्नातक करने वाले विद्यार्थियों को डिवीजन सुधारने के लिए गोल्डन चांस देने का फैसला लिया है। विवि प्रशासन ने 4 फरवरी की ईसी की बैठक मेें इस मसले पर चर्चा की थी।
इसके बाद फैसला लिया था कि 2000 के बाद बीए, बीएससी, बीकॉम, शास्त्री करने वाले जिन विद्यार्थियों के अंक कम हैं, वे अपनी डिवीजन बढ़ाने के लिए परीक्षाएं दे सकते हैं। विवि के कुलसचिव घनश्याम चंद की ओर से ये निर्देश जारी किए गए हैं।
अप्रैल 2020 में होने वाली परीक्षाओं में विद्यार्थी पेपर दे सकेंगे। इसके लिए पाठ्यक्रम 2012-13 का तय किया है। विद्यार्थियों को 5000 रुपये फीस प्रति सेमेस्टर देनी होगी। कई बार अंक कम होने के कारण युवा नौकरी के लिए न्यूनतम पात्रता हासिल नहीं कर पाते, इसलिए विवि प्रशासन के समक्ष डिवीजन इंप्रूव करने का मौका देने की मांग बार-बार उठती रही है।
