जिला भाजपा प्रवक्ता विशाल पठानिया ने कहा कि आजादी के बाद भारत की खेती में काफी बदलाव हो गया है। कृषि उत्पादन, व्यापार व वाणिज्य अध्यादेश, 2020, राज्य सरकारों को मंडियों के बाहर की गई कृषि उपज की बिक्री और खरीद पर टैक्स लगाने से रोकता है और किसानों को लाभकारी मूल्य पर अपनी फसल को बेचने की आजादी भी देता है। इस बदलाव के जरिए किसानों व व्यापारियों को किसानों की उपज की बिक्री और खरीद से आजादी मिलेगी, जिससे अच्छा माहौल पैदा होगा और दाम भी बेहतर होंगे। इस अध्यादेश से किसान अपनी उपज देश मे कहीं भी, किसी भी व्यक्ति यां संस्था को बेच सकते है। उन्होने कहा कि इस अध्यादेश से देश के किसानों को काफी लाभ होगा। उन्होने कहा इससे किसान उपज की कीमत तय कर सकेंगे। जहां चाहे उपज को बेच सकेंगे जिसके कारण किसानों के अधिकारों मे इजाफा होगा व बाजार मे प्रतियोगिता बढ़ेगी। किसान को उसकी फसल की गुणवत्ता के आधार पर मूल्य निर्धारण की स्वतंत्रता मिलेगी।
इस अध्यादेश मे कांट्रैक्ट फार्मिंग की बात है। जिससे किसानों का जोखिम कम होगा। दूसरे खरीददार ढूंढने के लिए कहीं जाना नही पड़ेगा। यह अध्यादेश किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर बड़े खुदरा व्यापारियों, निर्यातकों के साथ जुडऩे मे सक्षम बनाएगा। कृषि क्षेत्र मे निजी निवेश से नई तकनीक शुरू करने मे मदद मिलेगी। मंडियों से बाहर भी किसानों के लिए अतिरिक्त व्यापार सुविधाएं मिलेगी। किसानों को उनके उत्पाद सीधे खेतों से खरीदने वालों व निवेशकों को कोई मार्केट शुल्क व उपकर नही देना पड़ेगा। इससे कृषि क्षेत्र से जुड़ी नामी कंपनियां किसानों को उनके खेतों से ही उत्पाद खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेंगी। उन्होने कहा कि कृषि अध्यादेश से इलेक्ट्रानिक लेनदेन पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे प्रधानमंत्री मोदी के एक देश-एक मंडी को साकार करने मे मदद मिलेगी। जिससे आय के बेहतर विक्लप मौजूद होंगे। पठानिया ने कृषि बिल को क्रंतिकारी निर्णय बताते हुए कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसानों को अपनी फसल को मनमानी कीमत पर देश मे जहां चाहे वहां बेचने का अधिकार मिला है। उन्होने कहा कि नवीन कृषि बिलों के जरिए अब किसान की आय दुगनी होने का सपना साकार हो सकेगा। किसानों के हितों को लेकर बिल पास कराकर केंद्र की मोदी सरकार खरी उतरी है।
