लदाख में चीन के सैनिकों के साथ झड़फ में भारत के 20 जवानों के शहीद होने के बाद देश में चीनी सामान के विरोध में कुछ लोगों ने मुहिम छेड़ी है। इस बीच, बीसीसीआई ने कहा है कि आईपीएल के मौजूदा टाइटल स्पॉन्सर वीवो से करार खत्म करने का उसका कोई इरादा नहीं है।भारतीय क्रिकेट बोर्ड के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा है कि आईपीएल में चीनी कंपनी से आ रहे पैसे से भारत को ही फायदा हो रहा है, चीन को नहीं। धूमल ने कहा कि आईपीएल जैसे भारतीय टूर्नामेंट के चीनी कंपनियों द्वारा प्रायोजन से देश को ही फायदा हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘जब हम भारत में चीनी कंपनियों को उनके उत्पाद बेचने की अनुमति देते हैं तो जो भी पैसा वे भारतीय उपभोक्ता से ले रहे हैं, उसमें से कुछ बीसीसीआई को ब्रैंड प्रचार के लिए दे रहे हैं और बोर्ड भारत सरकार को 42% कर चुका रहा है।’ धूमल ने कहा कि इससे भारत का फायदा हो रहा है, चीन का नहीं।बीसीसीआई को वीवो से सालाना 440 करोड़ रुपये मिलते हैं जिसके साथ पांच साल का करार 2022 में खत्म होगा। पिछले साल सितंबर तक मोबाइल कंपनी ओप्पो भारतीय टीम की प्रायोजक थी लेकिन उसके बाद बेंगलुरु स्थित शैक्षणिक स्टार्ट अप बायजू ने चीनी कंपनी की जगह ली
।धूमल ने कहा कि वह चीनी उत्पादों पर निर्भरता कम करने के पक्ष में हैं लेकिन जब तक उन्हें भारत में व्यवसाय की अनुमति है, आईपीएल जैसे भारतीय ब्रैंड का उनके द्वारा प्रायोजन किए जाने में कोई बुराई नहीं है।