प्रदेश की 67 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है जो राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है: सुरेश कश्यप

प्रदेश की 67 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है जो राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है: सुरेश कश्यप


मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना व सौर बाड़ योजना का किसानो को मिल रहा लाभ।

भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा हिमाचल प्रदेश के पदाधिकारी एवं जिला अध्यक्षों की बैठक का आयोजन आज प्रदेश कार्यालय दीपकमल चक्कर में किसान मोर्चा के अध्यक्ष राकेश शर्मा (बबली) की अध्यक्षता में सम्पन हुई । बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप और प्रदेश संगठन महामंत्री पवन राणा विशेष रूप में उपस्थित रहे।

प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा की राज्य सरकार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में किसानों के लिए उत्तम कार्य कर रही है। राज्य सरकार वर्ष 2022 तक प्रदेश के सभी 9.61 लाख किसान परिवारों को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 के बजट के दौरान प्रदेश में प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। उन्होंने कहा कि इस योजना में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग किए बिना प्राकृतिक खेती के साथ कृषि आय में वृद्धि की परिकल्पना की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 67 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

उन्होंने कहा हिमाचल के 8.68 लाख किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों और बागवानों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए भी अनेक प्रोत्साहन घोषित किए गए हैं, जिनमें किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से आसान ऋण उपलब्ध करवाना है।

सुरेश कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानो की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए सौर बाड़ योजना प्रारंभ की। इस योजना पर किसानो को 80-85 प्रतिशत सबसिडी दी जा रही है और यह योजना किसानो के लिए वरदान साबित हो रही है। इसी तरह मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत कांटेदार तारों एवं चेन लिंक के लिए किसानों को 50 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है जिसका लाभ भी प्रदेश के किसानो को प्राप्त हो रहा है।

प्रदेश के किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुना करने के लिये राज्य सरकार किसान संगठनों और स्वयं सहायता समूहों के सशक्तिकरण, कृषि विविधिकरण योजनाओं को लागू करने और मूल्यवर्धन आदि पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है।

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