हिमाचल में पर्यटन की स्कीमों को जमीन पर उतारने में लेटलतीफी पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तल्ख हो गए हैं। जयराम ठाकुर के कड़ा नोटिस लेने के बाद मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची ने अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन आरडी धीमान को सीएम की चिंता जाहिर करता एक पत्र लिखा है, वहीं धीमान समेत पर्यटन विभाग के तमाम उच्च अधिकारियों को अपने कार्यालय में तलब किया। जिन योजनाओं को धरातल पर उतारने में देरी हो रही हैं, उनमें जयराम ठाकुर के हलके जंजैहली और शिमला के चांशल को विकसित करना शामिल है। इन्हें नए पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किया जाना है। यहां स्की ढलानें बननी हैं।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्रीऔर मुख्य सचिव के कड़े तेवरों पर अधिकारियों ने मुख्य सचिव को इन क्षेत्रों के लिए पर्याप्त बजट न होने और सड़कों तथा आधारभूत ढांचे का सही न होना जैसे कारण बताए, जबकि ये योजनाएं एशियन विकास बैंक (एडीबी) से वित्त पोषित हो रही हैं। हालांकि, अधिकारियों ने मुख्य सचिव को आश्वस्त किया कि जंजैहली में 30 करोड़ से अधिक के काम शुरू हो रहे हैं।
चांशल घाटी के बारे में बताया जा रहा है कि इस सड़क की हालत दयनीय है। जंजैहली की भी ऐसी ही स्थिति है। बताया कि जंजैहली में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए जंजैहली-थुनाग शिकारी देवी, पुडा केदार, तुंगासी टॉप, थाची में रास्तों पर ट्रैकरों के लिए अस्थायी टेंट लगाए जाएंगे। 12 वन विश्राम हट पर्यटकों की सुविधा के लिए स्तरोन्नत हो रही हैं। इस बैठक में बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन धीमान अपने कार्यालय में तमाम योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए व्यस्त रहे।