हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि जो मंडी को मिली मुख्यमंत्री की कुर्सी का विरोध करेगा, वह भविष्य में राजनीति से बाहर हो जाएगा। सोमवार को मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए जल शक्ति मंत्री ने कहा कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर अनाप-शनाप बयानबाजी पर उतर आए हैं। खुद तो सीएम बन नहीं पाए, अब जब मंडी से जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री बने हैं तो उनसे त्याग पत्र मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि 70 से 71 वर्षों के बाद मंडी जिला को मुख्यमंत्री मिला है लेकिन कांग्रेस के स्वयं-भू नेता इसका विरोध करके त्याग पत्र मांगने में लगे हुए हैं। जब कर्म सिंह ठाकुर मुख्यमंत्री बन रहे थे तो उनका विरोध पंडित सुखराम ने किया था और जब सुखराम मुख्यमंत्री बन रहे थे तो कौल सिंह ठाकुर विरोध में उतर आए थे। कौल सिंह तो आज दिन तक अगला मुख्यमंत्री मैं ही हूं के नारे पर ही वोट लेकर चुनाव जीतते रहे। उन्होंने कहा कि शिमला के लोगों ने वीरभद्र सिंह का विरोध नहीं किया और न ही उनसे इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा कि जब कौल सिंह ठाकुर कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे तो उनके कार्यकाल में ही ऑक्सीजन गैस सिलैंडर सप्लाई का घोटाला हुआ था। कौल सिंह बताएं कि उनके कार्यकाल में एसआरएल लैब को क्यों निजी कंपनी को दिया गया। उन्होंने कहा कि जब वह जल शक्ति मंत्री थे तो दाबला का कांड, मंडी शहर के साथ लगती पहाड़ी पर स्थित स्टोन क्रशर की जो पैनल्टी 2,90,80,000 रुपए की लगी थी, उसे क्यों नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने पंजोठी नाला पेयजल योजना 2006-07 में स्वीकृत की थी लेकिन आगे कुछ भी नहीं किया। अब इस योजना को भाजपा सरकार बनाने जा रही है। भाजपा बदले की भावना से काम करने पर विश्वास नहीं रखती है। अगर कांग्रेस नेता चाहते हैं तो उनकी सरकार के दौरान हुए घोटालों की जांच शुरू करवा दी जाएगी। इस दौरान प्रदेश भाजपा महामंत्री एवं विधायक राकेश जम्वाल, विधायक विनोद कुमार, प्रकाश राणा, इंद्र सिंह गांधी, जवाहर ठाकुर और जिला मंडी भाजपा के अध्यक्ष रणवीर सिंह उपस्थित रहे।
