शिमला
हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के 6ठे दिन सदन में प्रश्नकाल के दौरान बाहरी राज्यों के लोगों को हिमाचल में नौकरी देने का मुद्दा उठा। सदन में संयुक्त रूप से कांग्रेस के विनय कुमार, विक्रमादित्य सिंह, मुकेश अग्निहोत्री व सीपीआईएम नेता राकेश सिंघा ने मुख्यमंत्री जयराम से पूछा कि प्रदेश में 1 जनवरी 2018 से लेकर 31 जुलाई 2019 तक सरकारी व अर्ध सरकारी में प्रदेश से बाहरी कितने लोगों को नौकरियां दी गई। इनमें आउटसोर्स पर कितनी नौकरियां दी गई। तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी में बाहरी लोगों को नौकरियां न दी जाएं सरकार इसके लिए क्या कदम उठा रही है। जबाब देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जनवरी 2018 से लेकर 31 जुलाई 2019 तक सरकारी व अर्ध सरकारी में प्रदेश से बाहरी 136 लोगों को नौकरी दी गई। इनमें से 12 व्यक्तियों को आउटसोर्स आधार पर नियुक्तियां दी गई। मुख्यमंत्री ने ये बताया कि ये नियुक्तियां शैक्षणिक योग्यता व भारतीय संविधान के प्रावधानों के मुताबिक दी जाती है। विपक्ष का ये आरोप निराधार है कि बाहरी राज्यों में नौकरियां बेची गईं। भाजपा सरकार के दौरान 136 बाहरी लोगों को नियुक्तियां दी गई जबकि कांग्रेस के समय मे 197 नौकरियां बाहरी लोगों को दी गई। राकेश सिंघा ने सवाल को आगे बढ़ाते हुए पूछा कि क्या सरकार अनुच्छेद 371 का प्रयोग कर चतुर्थ व तृतीय श्रेणी के पदों को हिमाचल के लोगों के लिए आरक्षित करेगी। ताकि इन श्रेणियों में हिमाचलियों को नौकरी मिल सके। मुख्यमंत्री ये भी ब्यौरा दें कि 12 आउटसोर्स भर्तियां कैसे बाहरी लोगों को दी या बेची। मुख्यमंत्री ने कहा की हिमाचल सरकार प्रदेश के बेरोजगारों के लिए हितों प्रति कृतसंकल्प है। चतुर्थ व तृतीय श्रेणी में हिमाचलियों को प्राथमिकता देने पर कानूनी प्रावधानों को देखा जाएगा। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री इस मुद्दे को राजनीतिक बनाना चाह रहे है लेकिन यह मुद्दा राजनीतिक नहीं है। सरकारी नौकरियां कम हो रही है बेरोजगारी बढ़ रही है। अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि क्या सरकार क्लास 3 और 4 के पदों पर गैर हिमाचली को नौकरी न मिले इस तरह का कोई ठोस कदम उठाएंगे। जिसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जो संभव होगा वो कदम उठाएगी।