शिमला जिला के ठियोग के मतीयाना स्कूल में लेब में प्रेक्टिकल के दौरान धमका होने के बाद मंगलवार को फोरेंसिक टीम ने एसडीएम के साथ मतियाना स्कूल पहुंची। इस दौरान लैब का निरीक्षण किया गया। फोरेंसिक लैब की टीम ने निरीक्षण के बाद कहा कि प्रैक्टिकल के दौरान लापरवाही बरतने से हादसा हुआ। अगर छात्रों के हाथ में दस्ताने और मुंह पर मास्क होता तो इन्हें इतनी चोटें न लगतीं। पुलिस ने लैब को सील करने के बाद लैब के बाहर पुलिस के जवानों की तैनाती कर दी है। स्कूल प्रबंधन की इस मामले में एक और लापरवाही सामने आई है। हादसा दिन को करीब पौने बारह बजे हुआ।
पुलिस को इसकी सूचना शाम करीब साढ़े चार बजे दी गई। प्रशासन को भी समय पर इसकी सूचना नहीं दी गई। देर शाम एसडीएम ठियोग केके शर्मा की अगुवाई में नायब तहसीलदार ने सभी शिक्षकों के बयान लिए। निरीक्षण करने के बाद जुन्गा फोरेंसिक लैब से आए अधिकारी नसीब सिंह पटियाल ने बताया कि प्रैक्टिकल के दौरान कोताही बरती गई है। छात्रों के हाथ में दस्ताने और मुंह में मास्क लगा होता तो हादसा इतना खतरनाक न होता। इधर, ठियोग थाना प्रभारी संतोष कुमार ने बताया कि मामले की सूचना शाम करीब साढ़े चार बजे मिली। पुलिस ने कोताही बरतने का मामला दर्जकर लिया है। एसडीएम ठियोग केके शर्मा ने बताया कि पीड़ित सभी छात्रों के परिजनों को प्रशासन की ओर से फौरी राहत के तौर पर पांच-पांच हजार रुपये की मदद दी गई है।
प्रधानाचार्य राम लाल डोगरा ने बताया कि स्कूल की ओर से भी तीन अध्यापक चंडीगढ़ में छात्रों के साथ हैं।छात्र-छात्रा को शिमला के आईजीएमसी से छुट्टी दे गई है।
मतियाना स्कूल में हुए धमाके को लेकर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि हादसे में घायल हुए सभी बच्चों का इलाज का खर्च प्रदेश सरकार उठाएगी। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं।
