हिमाचल समता सैनिक दल के राज्य महासचिव कर्म चंद भाटिया ने कहा है की राज्य सरकार द्वारा राजधानी शिमला में एक और” नगर निगम शिमला ग्रामीण” का गठन किया जाए। राजधानी में शिमला शहरी और शिमला ग्रामीण नगर निगम का गठन होना चाहिए।पूर्व में नगर निगम शिमला के वार्डों की संख्या 18 थी जोकि दशकों से शिमला शहरी में रह रहे बाशिंदों के लिए गठित नगर निगम शिमला के 18 वार्ड मे दशकों से मूल बाशिंदों अधिकारों की हर स्तर पर पूर्ति करते थे और हर एक दृष्टि से मूल शिमला शहरी बाशिंदों के लिए 18 वार्ड सही कदम थे इन वार्डों की परिसीमा भी सही दृष्टि से थी। भाटिया ने कहा की राज्य सरकार जब 40,000 की संख्या पर नगर निगम का गठन कर सकती है तो राजधानी शिमला में 34 वार्डों में संख्या 40000 से कहीं अधिक कई गुणा है तो फिर क्यों नहीं राजधानी शिमला में एक और नगर निगम शिमला ग्रामीण का गठन हो गठन किया जाए? शिमला ग्रामीण में बनने वाले नगर निगम की परिसीमा परिधी अलग तय की जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की सत्ता में आने वाली कांग्रेसी भाजपा की सरकारों ने नगर निगम शिमला पूर्व 18 वार्डों की संख्या को समय-समय पर बढ़ाकर 34 कर दी जो कि किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। इससे जो पूर्व के 18 वार्डों के मूल कई दशकों से बाशिंदे थे,उनका हर स्तर पर अपने मूल अधिकारों मूलभूत सुविधाओं साधनों से बंचित हो शोषण उपीडन रहा है और स्मार्ट सिटी के नाम पर पैसा तो शिमला के नाम से लिया जा रहा है बेवकूफ जनता को बनाया जा रहा है पैसे की बर्बादी व बार-बार दुरुपयोग भी हो रहा है।
स्मार्ट सिटी के नाम पर पैसा शिमला शहरी के नाम पर लिया जा रहा है जो अन्यत्र खर्च किया जा रहा बर्बाद किया जा रहा है लेकिन शिमला का सुधार फिर भी सैकड़ों सालों बाद आज भी नहीं हो पा रहा। जबकि हजारों करोड़ रूपया स्मार्ट सिटी और अन्य सिटी के नाम पर मिला जो बर्बाद किया जा रहा।
