हिमाचल कैबिनेट की बैठक बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई। कैबिनेट ने पीएम नरेंद्र मोदी का देश के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज घोषित करने के फैसले का स्वागत किया।
इस आर्थिक पैकेज का हिमाचल को भी लाभ होगा। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। कैबिनेट ने आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए कई फैसले लिए हैं।
कैबिनेट ने अनुबंध श्रम अधिनियम की धारा-1 में जरूरी संशोधन को मंजूरी दी। इसके तहत अब 20 के बजाय 30 लोग उद्योग में अनुबंध पर रखे जा सकेंगे। इससे राज्य में औद्योगिक निवेश और उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।
कारखाना अधिनियम में भी संशोधन को मंजूरी दी गई। इससे छोटी औद्योगिक इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा और श्रमिकों को अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इसमें श्रमिकों की संख्या 20 से 40 की गई है।
सरकार के अनुसार इससे श्रमिकों को ज्यादा से ज्यादा अर्जन के अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही औद्योगिक विवाद अधिनियम में भी संशोधन को मंजूरी दी गई। इससे राज्य में औद्योगिक निवेश, उत्पादन बढ़ेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
कैबिनेट ने फैसला लिया है कि राशन में दी जाने वाली सब्सिडी अब आयकर देने वाले डेढ़ लाख उपभोक्ताओं को एक साल तक नहीं मिलेगी। इसके अलावा दाल, चीनी और तेल पर सब्सिडी कम कर दी गई है। दूसरी तरफ बीपीएल राशनकार्ड धारकों को पहले की तरह की सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, आय सीमा को बढ़ाकर करीब 45 हजार रुपये कर दिया गया है।
इससे एपीएल के करीब डेढ़ लाख उपभोक्ताओं को बीपीएल की तरह आटा और चावल मिल पाएगा। इस तरह डेढ़ लाख आयकर देने वाले उपभोक्ताओं की सब्सिडी खत्म होगी, जबकि डेढ़ लाख नए उपभोक्ता शामिल होंगे। आयकर देने वालों की सब्सिडी में पूरी तरह से कटौती की गई है। जबकि सभी उपभोक्ताओं के चीनी, दाल और तेल की सब्सिडी मे