हिमाचल केबिनेट के 10 हजार शिक्षकों को रेगुलर करने सहित 10 बड़े फैसले जानिये

हिमाचल केबिनेट के 10 हजार शिक्षकों को रेगुलर करने सहित 10 बड़े फैसले जानिये

हिमाचल के सरकारी स्कूलों में नियुक्त पीटीए, पैट और पैरा शिक्षकों को 10 साल के लंबे संघर्ष के बाद गुरुवार को नियमितीकरण का तोहफा मिला है। वित्तीय संकट और कई चुनौतियों के बाद ये शिक्षक अपने हक के लिए सुप्रीम कोर्ट से लेकर राज्य सचिवालय में लगातार डटे रहे। गुरुवार को जयराम मंत्रिमंडल ने शिक्षकों के नियमितीकरण को सैद्धांतिक मंजूरी दी है। अब शिक्षकों का नियमितीकरण कब से होगा और उन्हें कौन सा पे स्केल मिलेगा। इसकी तस्वीर उच्च शिक्षा निदेशालय से जारी होने वाली गाइडलाइन के बाद स्पष्ट होगी। सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी मिलते ही विभिन्न शिक्षक संगठनों से सरकार का आभार जताते हुए बैक डेट से नियमितीकरण के लाभ देने की मांग शुरू कर दी है। पीटीए और पैट को साल 2018-19 से नियमित शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जा रहा है। कोर्ट में मामला विचाराधीन होने से सरकार इन्हें नियमित नहीं कर पा रही थी। इससे पहले नौ दिसंबर 2014 को हाईकोर्ट से अस्थायी शिक्षकों के हक में फैसला आने पर सरकार ने दस साल का सेवाकाल पूरा कर चुके पैरा शिक्षकों को नियमित कर दिया था।सात साल का कार्यकाल पूरा कर चुके पीटीए शिक्षकों को अनुबंध पर ला दिया था। इन्हें नियमित करने की राह आसान हो गई है। लेफ्ट आउट शिक्षकों को सरकार क्या अनुबंध पर लाती है या नियमित करती है। यह गाइडलाइन आने के बाद स्पष्ट होगा। उधर, पैट ने सरकार ने उन्हें ग्रामीण विद्या उपासकों की तर्ज पर नियमित करने की मांग करते हुए नियमित जेबीटी की तरह पे स्केल देने को कहा है। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें 17 साल सेवाएं देते हुए हो गए हैं। ऐसे में सरकार को उन्हें दो साल पूर्व की तारीख से नियमित करते हुए पे स्केल देना चाहिए।

हिमाचल कैबिनेट की बैठक में सरकारी नौकरियों, बागवानों और आम जनता को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए हैं। गुरुवार को सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में विभिन्न विभागों में 500 से ज्यादा पदों को भरने की मंजूरी दी। साथ ही सेब का समर्थन मूल्य भी बढ़ाने का फैसला लिया। कोरोना महामारी के कारण प्रभावित हुए पर्यटन उद्योग के पुनर्जीवित करने के लिए कार्यशील पूंजी पर दिए जाने वाले ऋण पर ब्याज की छूट के लिए योजना प्रारूप को स्वीकृति प्रदान की गई। इस योजना के तहत 31 मार्च, 2020 तक एक करोड़ रुपये का जीएसटी चुकाने वाली पर्यटन इकाइयां 50 लाख रुपये तक के अधिकतम ऋण के लिए पात्र होंगी। इस अवधि तक कम से कम एक वर्ष तक एक करोड़ रुपये से तीन करोड़ रुपये तक जीएसटी चुकाने वाली पर्यटन इकाइयां 75 लाख रुपये तक ऋण लेने और तीन करोड़ रुपये से अधिक जीएसटी देने वाली पर्यटन इकाइयां एक करोड़ रुपये तक ऋण लेने तक पात्र होंगी। इसी प्रकार छोटी पंजीकृत पर्यटन इकाइयां 15 लाख रुपये तक के ऋण के लिए पात्र होंगी। ऋण अवधि चार वर्षों के लिए होगी जिसमें पहले दो वर्षों तक ब्याज में हर वर्ष 50 प्रतिशत छूट होगी।  मंत्रिमंडल ने पर्यटन विभाग की तर्ज पर परिवहन विभाग में भी कार्यशील पूंजी के लिए ब्याज में छूट के लिए योजना लाने का भी निर्णय लिया।शिक्षकों ने बताया कि अगर उन्हें अब नियजमित किया जाता है तो नियमित जेबीटी की तरह पे स्केल लेने के लिए दो साल और इंतजार करना होगा। हिमाचल में अस्थायी शिक्षकों की भर्तियां पिछले 17 वर्षों में हुई हैं। इनमें ग्रामीण विद्या उपासकों की नियुक्ति 2002-03 में हुई। साल 2003 से लेकर 2007 तक प्राथमिक सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां प्रारंभिक शिक्षा विभाग में हुई। 2004 में पैरा शिक्षकों की भर्तियां हुई। 2006 से पीटीए शिक्षकों की भर्ती हुई थी। 

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