उच्च न्यायालय ने सेवानिवृत पेंशनधारियों को दी राहत
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने साल 2006 से पहले सेवानिवृत पेंशनधारियों को राहत दी है। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि न्यूनतम 20 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले कर्मचारी भी पूरी पेंशन लेने के हकदार होंगे। अदालत ने ये भी कहा कि सरकार एक कृत्रिम कट ऑफ डेट के आधार पर पेंशनधारकों में भेद नहीं कर सकती। यह व्यवस्था न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर व न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने केपी नायर द्वारा दायर याचिका को स्वीकृत करते हुए दी।
ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2006 में एक फैसले के तहत पूर्ण पेंशन के लिए जरूरी सेवा 33 वर्ष से घटा कर 20 वर्ष कर दी थी। इससे पहले यदि कोई कर्मचारी 33 वर्ष से कम कार्यकाल में रिटायर होता था तो उनकी पेंशन सेवाकाल के वर्षों के आधार पर तय की जाती थी। वर्ष 2009 में जारी अधिसूचना के तहत 01 जनवरी 2006 के बाद पूर्ण पेंशन के लिए 33 वर्ष के कार्यकाल की शर्त को खत्म करते हुए इसे 20 वर्ष कर दिया गया था। लेकिन यह भी कह दिया था कि यह नया प्रावधान केवल 2006 के बाद रिटायर होने वाले पेंशनरों के लिए लागू होगा।