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सिरमौर हाटी विकास मंच ने राष्ट्रपति से की थी मुलाकात अगला पड़ाव भी अहम
शिमला इकाई ने सब के योगदान को किया याद
शिमला
संसद से संशोधित अनुसूचित जनजाति संशोधन विधेयक पारित होने के बाद हाटीयों के हौसले सातवें आसमान पर है। जैसे ही राष्ट्रपति से संशोधित विधेयक पर स्वीकृति की मुहर लग जाती है वैसे ही यह मामला क्रियान्वित होने के लिए राज्य सरकार के पास आएगा। केंद्रीय हाटी समिति और हाटी विकास मंच पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से शिमला में मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर ने हाटी समुदाय की भावी पीढ़ियों के हितों की ना केवल चिंता की बल्कि इस मसले को केंद्र से हल करवाने के लिए गंभीर प्रयास किए थे। शिमला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मंच के पदाधिकारियों ने कहा की नरेंद्र मोदी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण ही हाटी मामला सिरे चढ़ा। उन्होंने संसद से विधेयक पारित करवाने के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर , पूर्व विधायक बलदेव सिंह तोमर,,पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ,पूर्व सांसद वीरेंद्र कश्यप, मौजूदा सांसद सुरेश कश्यप समेत भाजपा के प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व का आभार जताया। उन्होंने जीत का श्रेय जनता के आंदोलन और आंदोलन के तमाम पुरोधा को दिया।उन्होंने कहा कि यह हाटी की जीत है, माटी की जीत है आधी आबादी महिलाओं की जीत है। यह युवाओं के जोश की जीत है और बुजुर्गों के होश की जीत है। उन्होंने केंद्रीय हाटी समिति के 1980 से लेकर रहे तमाम पदाधिकारियों मौजूदा पदाधिकारियों का भी आभार जताया। इसके अलावा शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव तोमर के प्रयासों की भी विशेष सराहना की। उन्होंने महाखुंबलियों के माध्यम से आंदोलन में आए सभी लोगों अलग-अलग वर्गों के प्रतिनिधियों नंबरदार और जेलदारों ,पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, कर्मचारियों ,सेवानिवृत्त कर्मियों का विशेष आभार जताया। उन्होंने केंद्रीय हाटी समिति की चंडीगढ़, सोलन, शिलाई, राजगढ़ , रोनहाट , पाओंटा, नाहन, हरिपुरधार,संगड़ाह, पझोता, कफोटा समेत तमाम इकाइयों और उनके पदाधिकारियों का भी आभार जताया।
दांव पर रखा रोजगार…
शिमला इकाई के हाटी योद्धाओं ने अपने रोजगार की भी परवाह नहीं की। आंदोलन की खातिर उन्होंने अपने रोजगार, अपने कैरियर को दांव पर रखा। आंदोलन की मशाल को तार्किक अंत तक पहुंचाने तक जलाए रखा। हाटी समुदाय इनके योगदान को हमेशा याद रखेगा।हाटी विकास मंच के अध्यक्ष प्रदीप सिंह सिंगटा,मुख्य प्रवक्ता डॉ रमेश सिंगटा, महासचिव अतर सिंह तोमर प्रवक्ता जी एस तोमर , ठाकुर खजान सिंह ,मदन तोमर, कपिल चौहान, दलीप सिंगटा, काकू राम ठाकुर, मुकेश ठाकुर , नीतू चौहान, शूरवीर ठाकुर,अनुज शर्मा ,दिनेश कुमार, भीम सूर्यवंशी, अमित चौहान, पिंकू बिरसांटा, विक्की ठाकुर , कपिल कपूर, विपिन पुंडीर, भीम सिंह, बलबीर राणा, दिनेश ठाकुर, दीपक नेगी, प्रताप मोहन चौहान खदराई कपिल शर्मा,,लाल सिंह, श्याम सिंह , खजान सिंह ठाकुर,सुशील, आशु चौहान, सुरजीत ठाकुर, अमन ठाकुर, राकेश शर्मा, सुरेश सिंह, जय ठाकुर ,ओमप्रकाश शर्मा, ओमप्रकाश ठाकुर, चंद्रमणि शर्मा, आत्माराम शर्मा, गोपाल ठाकुर, सचिन तोमर ,खजान ठाकुर, भरत पुंडीर ,दलीप सिंह तोमर, भीम सिंह तिलकान, कपिल शर्मा, सहित पवन शर्मा, रण सिंह ठाकुर, सतीश चौहान, दिनेश चौहान,सहित मंच के हाटी नेता उपस्थित रहे।।।