.पहले अपनाएंगे गांधीगीरी और फिर उग्र आंदोलन..
दीवाली पर्व में गिरिपार में जगाएंगे हाटी की अलख..
हाटी विकास मंच ने खोला अब बड़ा मोर्चा..
शिमला, हिमाचल प्रदेश के गिरिपार में बसने वाले हाटी समुदाय के लोगों का सब्र का बांध टूटने लगा है। अनुसूचित जनजाति संशोधन कानून लागू न होने से इस समुदाय में आक्रोश और बढ़ गया है। हाटियों ने हिमाचल सरकार को दीपावली पर्व तक की मोहलत दी है। इस पर्व के दिन हाथों में मशाले लेकर हाटी अलख जगाएंगे। हरेक गांव में जय हाटी, जय माटी का नारा बुलंद किया जाएगा। अगर तब भी अनुसूचित जनजाति संशोधन कानून लागू न किया तो फिर जनता सड़कों पर उतरेगी। आधी आबादी महिलाओं स्कूली कॉलेज और विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं के साथ रोष प्रदर्शन निकाले जाएंगे। पहले हाटी गांधीगीरी करेंगे। फिर भी बात नहीं बनी तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। एक तरफ सड़कों पर उतरा जाएगा तो दूसरी तरफ राजभवन का रुख किया जाएगा। राज्यपाल से मुलाकात कर आग्रह किया जाएगा कि वह कानून लागू करवाने के बारे में राज्य सरकार को साथ कड़े निर्देश जारी करें। इस संबंध में हाटी विकास मंच के पदाधिकारियों ने शिमला में पत्रकार वार्ता की। मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार से मुख्य सचिव से लेकर मुख्यमंत्री, मंत्री तक सबसे मुलाकात कर चुके हैं। लेकिन राज्य सरकार मुद्दे को बेवजह अटका और भटका रही है।
मंच के पदाधिकारियों ने कहा की संशोधित एसटी एक्ट लागू न कर राज्य सरकार पर संसद का अपमान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इसे संविधान और कानून की उल्लंना करार दिया
मंच ने कानून बनाने और जनजाति अधिकार दिलाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ,भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ,मौजूदा सांसद सुरेश कश्यप, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल समेत पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का आभार जताया।
इस प्रेस वार्ता में हाटी विकास मंच के अध्यक्ष प्रदीप सिंह सिंगटा, मुख्य प्रवक्ता डॉक्टर रमेश सिंगटा, कानूनी सलाहकार अधिवक्त श्याम सिंह चौहान, मदन तोमर, खजान ठाकुर, हरगोविंद राणा, गोपाल ठाकुर,रविंद्र जस्टा,वकील बी भारद्वाज, मदन चौहान, सतीश ठाकुर , राजेश, लाल सिंह शंकवान आदि उपस्थित रहे।