शिमला के मशोबरा के समीप स्थित 173 वर्ष पुराना राष्ट्रपति निवास 23 अप्रैल से आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अप्रैल में शिमला प्रवास पर आ रही हैं और इस दौरान वह अधिकारिक रूप से इस ऐतिहासिक धरोहर को आम जनता के लिए खोलने की घोषणा करेंगी।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के मशोबरा के समीप स्थित 173 वर्ष पुराना राष्ट्रपति निवास (रिट्रीट) 23 अप्रैल से आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अप्रैल में शिमला प्रवास पर आ रही हैं और इस दौरान वह अधिकारिक रूप से इस ऐतिहासिक धरोहर को आम जनता के लिए खोलने की घोषणा करेंगी। यह जानकारी राष्ट्रपति के अतिरिक्त सचिव डॉ. राकेश गुप्ता ने शुक्रवार को मशोबरा में इस संबंध में आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक निर्धारित प्रवेश शुल्क पर यहां भ्रमण कर सकेंगे। रहेगा प्रवेश शुल्क
भारतीय नागरिकों के लिए 50 रुपये प्रति व्यक्ति और विदेशी नागरिकों के लिए 250 रुपये प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क निर्धारित किया गया है। राष्ट्रपति निवास सोमवार, राजपत्रित अवकाश व राष्ट्रपति के आगमन के दौरान आम जनता के लिए बंद रहेगा। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए 30 जून तक प्रवेश निःशुल्क रखा गया है। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए यह ऐतिहासिक भवन, राष्ट्रपति के जीवन से जुड़ी विभिन्न स्मृतियां, डाइनिंग हॉल और अन्य कलाकृतियां मुख्य आकर्षण का केंद्र रहती हैं। इसके अतिरिक्त हरियाली से भरपूर यहां के बगीचे, ट्यूलिप और अन्य सजावटी फूल इसकी सुंदरता में और अधिक वृद्धि करते हैं। राष्ट्रपति निवास स्थित नेचर ट्रेल एवं बागीचों को भी पर्यटकों और आगंतुकों के लिए खुला रखा जाएगा।
राष्ट्रपति निवास रिट्रीट में कुल 16 कमरे हैं। कोटी रियासत के राजा ने इस भवन का निर्माण 1840 में कराया था। बाद में इसे भारत सरकार को स्थायी लीज पर सौंप दिया गया। आजादी के बाद से ही भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान भवन को राष्ट्रपति निवास का दर्जा प्राप्त था। 1962 में तत्कालीन राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने जब इसे एडवांस्ड स्टडी के लिए दे दिया तो रिट्रीट को राष्ट्रपति निवास बनाया गया
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