हिमाचल प्रदेश में किसी भी तरह के भवन निर्माण पर सरकार ने रोक लगा दी है। प्रदेश में आई भयंकर आपदा के बाद 16 सितंबर तक सरकार ने पूरी तरह से प्रतिबंध को लागू किया है। सरकार द्वारा जारी किए गए आदेशों से ना तो निजी क्षेत्र में निर्माण हो सकेगा और ना ही सरकारी क्षेत्र में। ऐसे में लोग अपने मकान नहीं बना सकेंगे। सिर्फ आपदा प्रभावित इमारतों व टूटी सडक़ों पर ही काम हो सकेगा।
मुख्य सचिव एवं राज्य कार्यकारी समिति के अध्यक्ष प्रबोध सक्सेना ने शनिवार को राज्य आपदा प्रबन्धन अधिनियम.2005 की धारा 24.1 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य में निर्माण गतिविधियों के संबंध में आदेश जारी किए हैं।
इन आदशों के अनुसार आपदा प्रभावित इमारतों और सडक़ों के पुनर्निर्माण कार्यों को छोडक़र किसी भी प्रकार के निजी विकास और निर्माण गतिविधि के लिए पहाडिय़ों के कटान पर पूरे राज्य में 16 सितंबर तक प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अतिरिक्त शिमला, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, सोलन और चंबा जिलों में वाणिज्यिक, पर्यटन इकाइयों के निर्माण के संबंध में 16 सितम्बर, 2023 तक नई योजना अनुमति एवं भवन अनुमति पर प्रतिबंध रहेगा।हिमाचल प्रदेश में किसी भी तरह के भवन निर्माण पर सरकार ने रोक लगा दी है। प्रदेश में आई भयंकर आपदा के बाद 16 सितंबर तक सरकार ने पूरी तरह से प्रतिबंध को लागू किया है। सरकार द्वारा जारी किए गए आदेशों से ना तो निजी क्षेत्र में निर्माण हो सकेगा और ना ही सरकारी क्षेत्र में। ऐसे में लोग अपने मकान नहीं बना सकेंगे। सिर्फ आपदा प्रभावित इमारतों व टूटी सडक़ों पर ही काम हो सकेगा।
मुख्य सचिव एवं राज्य कार्यकारी समिति के अध्यक्ष प्रबोध सक्सेना ने शनिवार को राज्य आपदा प्रबन्धन अधिनियम.2005 की धारा 24.1 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य में निर्माण गतिविधियों के संबंध में आदेश जारी किए हैं।
इन आदशों के अनुसार आपदा प्रभावित इमारतों और सडक़ों के पुनर्निर्माण कार्यों को छोडक़र किसी भी प्रकार के निजी विकास और निर्माण गतिविधि के लिए पहाडिय़ों के कटान पर पूरे राज्य में 16 सितंबर तक प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अतिरिक्त शिमला, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, सोलन और चंबा जिलों में वाणिज्यिक, पर्यटन इकाइयों के निर्माण के संबंध में 16 सितम्बर, 2023 तक नई योजना अनुमति एवं भवन अनुमति पर प्रतिबंध रहेगा।