सुप्रीम कोर्ट ने एक साल में सम्पति को खाली करने के दिए आदेश।
हिमाचल सरकार को शिमला में 5 स्टार होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल सम्पति पर बड़ी राहत मिली है, जबकि ओबेरॉय ग्रुप को झटका लगा है बड़ी कानूनी लड़ाई के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार को राहत मिली हैं सर्वोच्च न्यायालय ने भी हाई कोर्ट के आदेश पर सहमति जताते हुए शिमला छराबड़ा स्थित होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल को हिमाचल सरकार को सौंपने के आदेश को बरकरार रखा है और ओबेरॉय ग्रुप को एक साल में सम्पति हिमाचल सरकार को सौंपने के आदेश जारी किए हैं।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने होटल वाइल्ड फ्लावर हाल के संबंध में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्णय को बरकरार रखने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले की सशक्त तरीके से पैरवी की थी जिसके फलस्वरूप प्रदेश सरकार के पक्ष में फैसला आया। सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदेश के हितों को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्णय को सही ठहराया है।
मुख्यमंत्री ने इस अनुकूल निर्णय का श्रेय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रभावी तरीके से मामला प्रस्तुत करने के राज्य सरकार के प्रयासों को दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्धता से प्रयास किए और प्रसिद्ध वकील मुकुल रोहतगी के माध्यम से कानूनी लड़ाई में सरकार का व्यापक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया। सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए सरकार के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
होटल वाइल्डफ्लावर हॉल की संपत्ति कई वर्षों से ओबराय समूह के पास थी और अब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक साल के भीतर इसे खाली करने का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संपत्ति का कब्जा मिलने के बाद इसके संबंध में भविष्य की कार्रवाई पर विचार-विमर्श करेगी और हिमाचल के हितों के अनुरूप निर्णय लेगी।
शिमला में 5 सितारा होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल को लेकर हिमाचल हाई कोर्ट ने भी सम्पति सरकार को देने के आदेश दिए थे। ग्रुप ने सर्वोच्च न्यायालय का दरबाजा खटखटाया लेकिन वहाँ से भी राहत नही मिली है। अब ओबराय ग्रुप को सम्पति एक साल में सरकार को लौटानी होगी।होटल का मामला अदालत में चल रहा था और हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2022 को इस संपत्ति के मामले में हिमाचल सरकार को राहत दी थी गौरतलब हैं कि ओबरॉय ग्रुप की पूरी दुनिया सबसे प्राइम प्रॉपर्टी हैं और 500 करोड़ के आसपास है सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ओबरॉय ग्रुप को बड़ा झटका हैं